Religiosity of north(उत्तर की धार्मिकता)
Religiosity of north
मुख्यतः विश्व में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं पारसी आदि प्रमुख धर्म हैं और इन सभी धर्मों का विकास लोगों को एकजुट रखने के लिए ही हुआ है। यह भी सर्वविदित है कि एक धर्म के लोगों के वर्चस्व से जनमत भी तैयार होता है। यही कारण है कि विश्व के कई प्रमुख धर्मों के धर्म प्रचारक भी हैं जो अपने धर्म के प्रचार में लगे रहते हैं। खुलकर तो लोग धर्म परिवर्तन आदि के मद्दों पर बात नहीं करते लेकिन कहीं न कहीं ज्यादा से ज्यादा लोगों का धर्मंतरण कराना और किसी एक धर्म के लोगों की संख्या बढ़ाना भी इन धर्म प्रचारकों का उद्देश्य होता है। ऐसा मानना है कि एक धर्म के लोगों के बीच एक समान विचारधारा पनपती है और फिर इस समान विचारधारा का प्रयोग राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए किया जाता है। इस एक समान विचारधारा के पीछे भी एकता की भावना ही है। जब एक धर्म विशेष के लोग एक जगह पर इकट्ठा होते हैं तो उनके बीच में वैचारिक एकता सीधे तौर पर परिलक्षित होती है।
मूलतः धर्मों का प्रादूर्भाव एकता की भावना को बढ़ाने के लिए ही हुआ है। लोगों के बीच अगर एकता एवं सामंजस्य न हो तो धर्म की परिकल्पना ही बेमानी हो जाती है। उदाहरण के तौर पर हिंदू धर्म में समय-समय पर कई उपवर्गों का निर्माण होता रहा है। विश्व के चार प्रमुख धर्मों – हिंदू, बौद्ध, जैन तथा सिक्ख की जन्मस्थली के रूप में भारत को जाना जाता है। इन सभी धर्मों की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य एक प्रकार की जीवनशैली, वैचारिक सामंजस्य, साझा जीवन पद्धति का विकास एवं सामूहिक एकता के बल पर विकासोन्मुख समाज की स्थापना करना था। उदाहरण के तौर पर जीव हत्या को पूरी तरह से खत्म करने के उद्देश्य से भगवान महावीर ने जैन धर्म की स्थापना की। जैन धर्म के सभी लोग इस विचारधारा से समरसता रखते हैं। इसी प्रकार अन्य धर्म जैसे बौद्ध एवं सिक्ख धर्मों का भी प्रादूर्भाव हुआ लेकिन इन सभी धर्मों के केंद्र में एकता की ही भावना समाहित है।
Religiosity of north
जहां हिंदू धर्म “सर्वधर्म समभाव” एवं “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना से प्रेरित है वहीं इस्लाम, “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” का संदेश देता है। भारत विश्व में धार्मिक विविधता के बावजूद कौमी एकता का अनूठा उदाहरण पेश करता है। भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है और यहां कि कुल जनसंख्या विभिन्न धर्मों के लोगों से मिलकर बनी है। इसके बावजूद यहां राष्ट्रधर्म ही सर्वोपरि है और भारत के संविधान में सभी धर्मों के लोगों को अपने-अपने धर्मों से संबंधित पद्धतियों के पालन की स्वतंत्रता है और संकट की स्थिति में राष्ट्रहित में सभी धर्मों के लोग यहां एकजुट हो जाते हैं। विश्व के धर्म प्रधान देशों, जिनमें से कुछ देशों में तो धार्मिक कट्टरवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है, को भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। उन्हें भारत से इस बात की प्रेरणा लेनी चाहिए की किस तरह यहां विभिन्न धर्मों के लोग राष्ट्रधर्म की भावना के साथ एकता के सूत्र में बंध कर एक साथ प्रेमपूर्वक रहते हैं और पूरे विश्व को कौमी एकता का संदेश देते हैं।
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मंदिर के प्रकार
1. श्री सिद्धिविनायक मंदिर
प्रमुख देवता : सिद्धिविनायक (भगवान गणेश )
स्थान : मुंबई, महाराष्ट्र
संस्थापक या पुन:निर्माता : लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल
निर्माण का समय : 19 November 1801
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2. श्री रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम मंदिर)
प्रमुख देवता : भगवान शिव
स्थान : रामेश्वरम, तमिलनाडु
संस्थापक या पुन : निर्माता: पांड्या राजवंश
निर्माण का समय : 12th Century
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3. चेन्नाकेशव मंदिर
प्रमुख देवता : भगवान विष्णु
स्थान : बेलूर, कर्नाटक
संस्थापक या पुन : निर्माता: राजा विष्णुवर्धन
निर्माण का समय : 12th Century
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4. बृहदेश्वर मंदिर (विश्व विरासत स्थल)
प्रमुख देवता : भगवान शिव
स्थान : तंजौर, तमिलनाडु
संस्थापक या पुन: निर्माता : चोल शासक प्रथम राजराज चोल
निर्माण का समय : 1003-1010 A.D
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5. ऐरावतेश्वर मंदिर (विश्व विरासत स्थवल)
प्रमुख देवता : भगवान शिव
स्थान : दारासुरम, तमिलनाडु
संस्थापक या पुन : निर्माता: राजराजा चोल द्वितीय
निर्माण का समय : 12th Century
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6. पद्मनाभस्वामी मंदिर
प्रमुख देवता : भगवान विष्णु
स्थान : तिरुवनंतपुरम, केरल
संस्थापक या पुन : निर्माता: राजा मार्तण्ड
निर्माण का समय : 1733 AD
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7. हजारा राम मंदिर (विश्व विरासत स्थवल)
प्रमुख देवता : भगवान राम
स्थान : हम्पी, कर्नाटक
संस्थापक या पुन: निर्माता : कृष्णदेव राय
निर्माण का समय : 15th Century
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8. विरुपाक्ष मंदिर (विश्व विरासत स्थवल)
प्रमुख देवता : भगवान शिव
स्थान : पट्टकल, कर्नाटक
संस्थापक या पुन: निर्माता : चालुक्य वंश
निर्माण का समय : 7th – 8th Century
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9. कैलाश मंदिर
प्रमुख देवता : भगवान शिव
स्थान : एलोरा, महाराष्ट्र
संस्थापक या पुन : निर्माता: राष्ट्रकूट राजा कृष्ण प्रथम
निर्माण का समय : 8th Century
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10. महाबलेश्वर मंदिर
प्रमुख देवता : भगवान शिव
स्थान : महाबलेश्वर महाराष्ट्र
संस्थापक या पुन: निर्माता : चंदा राव मोर वंश
निर्माण का समय : 16th Century
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11. मीनाक्षी मंदिर
प्रमुख देवता : देवी मीनाक्षी (पार्वती )
स्थान : मदुरई, तमिलनाडु
संस्थापक या पुन: निर्माता : तिरुमाला नायक
निर्माण का समय : 17th Century
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12. शोर मंदिर
प्रमुख देवता : भगवान विष्णु
स्थान : महाबलीपुरम, तमिलनाडु
संस्थापक या पुन: निर्माता : नरसिंहवर्मन द्वितीय, पल्लव वंश
निर्माण का समय : 700–728 AD
13.साईं बाबा का मंदिर
प्रमुख देवता : शिरडी साईंबाबा
स्थान : शिरडी, महाराष्ट्र
संस्थापक या पुन : निर्माता: दादा मड़ई जी
निर्माण का समय : 1922
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