बजट की भूमिका:-
बजट एक वित्तीय योजना है जिसमें आय और खर्च का अनुमान लगाया जाता है। इसे एक निश्चित समयावधि के लिए तैयार किया जाता है, जैसे कि महीने, तिमाही, या वर्ष के लिए। बजट में विभिन्न स्रोतों से आने वाली आय और उन पर किए जाने वाले खर्चों की सूची होती है। इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन करना, खर्चों को नियंत्रित करना, और भविष्य की वित्तीय योजना बनाना होता है।बजट व्यक्तिगत, पारिवारिक, संगठनात्मक, व्यवहार या सरकारी स्तर पर बनाया जा सकता है, और यह निर्णय लेने में मदद करता है कि धन को कैसे और कहां खर्च करना चाहिए।
बजट का जनक कौन है ?
“बजट” की अवधारणा का सटीक जनक निर्धारित करना कठिन है, क्योंकि इसका का उपयोग इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों में हुआ है। हालांकि, आधुनिक बजटिंग प्रणाली और सार्वजनिक बजटिंग की परिकल्पना की शुरुआत विशेष रूप से सरकारों द्वारा वित्तीय प्रबंधन के रूप में की गई थी।आधुनिक बजट प्रणाली का विकास 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में हुआ था, जहां संसद ने राजस्व और खर्चों के पारदर्शी प्रबंधन के लिए सरकार से बजट की मांग की। 19वीं शताब्दी तक, अन्य देशों ने भी इस अवधारणा को अपनाना शुरू कर दिया, जिससे बजटिंग एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक प्रक्रिया बन गई।
इसलिए, जबकि इसका का उपयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है, आधुनिक सार्वजनिक बजटिंग प्रणाली का श्रेय विशेष रूप से 18वीं शताब्दी की इंग्लिश संसद और उनके द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं को दिया जा सकता है।बजट की भूमिका किसी भी संगठन, व्यवसाय, या व्यक्तिगत योजना में बहुत महत्वपूर्ण होती है। यहां बजट की कुछ प्रमुख भूमिकाएँ दी गई हैं:
वित्तीय योजना:
बजट का मुख्य उद्देश्य वित्तीय योजना बनाना है। यह बताता है कि कौन-सी गतिविधियों या खर्चों के लिए कितनी राशि आवंटित की गई है।
खर्च की निगरानी:
इसके के माध्यम से आप अपने खर्चों पर नियंत्रण रख सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि आपका खर्च निर्धारित सीमाओं के भीतर रहे और असामान्य खर्च से बचा जा सके।
लक्ष्य निर्धारण:
इसको बनाते समय आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित कर सकते हैं। यह आपको बताता है कि आपके पास कितना धन उपलब्ध है और आप इसे कैसे खर्च करेंगे या निवेश करेंगे।
वित्तीय जिम्मेदारी:
बजट वित्तीय जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करता है, जिससे व्यक्तियों और संगठनों को अपने खर्चों के प्रति उत्तरदायित्व का अहसास होता है।
लाभ और नुकसान का अनुमान:
बजट के माध्यम से आप अपने लाभ और नुकसान का अनुमान लगा सकते हैं, जो आपको अपने वित्तीय स्थिति को समझने में मदद करता है।
भविष्य की योजना:
इसके भविष्य के लिए भी योजना बनाने में सहायक होता है। यह आपको यह अनुमान लगाने में मदद करता है कि आने वाले समय में आपके पास कितनी वित्तीय संपत्ति होगी और कैसे इसका उपयोग किया जाएगा।बजट बनाने और उसका पालन करने से आप अपने वित्तीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं और वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।
बजट की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
बजट की आवश्यकता कई कारणों से होती है, जिनमें प्रमुख हैं:
- वित्तीय नियंत्रण: इसको बनाने से आय और खर्चों पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। यह सुनिश्चित करता है कि संसाधनों का सही ढंग से उपयोग हो और बेवजह खर्चों से बचा जा सके।
- लक्ष्य निर्धारण: इसको बनाने से व्यक्ति या संगठन अपने वित्तीय लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सकते हैं, जैसे कि बचत, निवेश, या खर्च की प्राथमिकताएँ।
- भविष्य की योजना: इसके माध्यम से भविष्य की आवश्यकताओं और लक्ष्यों के लिए योजना बनाई जा सकती है। यह आपको भविष्य में आने वाले खर्चों के लिए तैयारी करने का अवसर देता है।
- आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयारी: इसको बनाने से आपातकालीन स्थितियों के लिए धन आरक्षित करने में मदद मिलती है। यह अप्रत्याशित खर्चों के समय आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- खर्च की प्राथमिकताएं तय करना: इसको तय करने से आपको यह निर्णय लेने में आसानी होती है कि किन चीजों पर पहले खर्च करना चाहिए और किन्हें स्थगित किया जा सकता है।
- लोन और कर्ज प्रबंधन: बजट आपको यह समझने में मदद करता है कि आप कितने लोन ले सकते हैं और उन्हें चुकाने की आपकी क्षमता कितनी है। यह कर्ज को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
- वित्तीय निर्णयों में मदद: बजट से आपको अपने वित्तीय निर्णयों को जानकारीपूर्ण और विवेकपूर्ण बनाने में सहायता मिलती है। यह आपके आर्थिक स्थिति का स्पष्ट चित्र प्रस्तुत करता है, जिससे सही फैसले लेना आसान हो जाता है।
- इन सभी कारणों से, इसको बनाना और उसका पालन करना वित्तीय स्थिरता और सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
समय के हिसाब से बजट को कैसे बांटा जा सकता है?
इसको बनाते समय समय का ध्यान रखते हुए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
वर्तमान वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें:-
सबसे पहले, आपके पास कितनी नकदी है, आपकी मासिक आय और खर्चे क्या हैं, और आपके किसी भी प्रकार के कर्ज की स्थिति क्या है, इसका विश्लेषण करें।
लक्ष्य निर्धारित करें:-
अपने वित्तीय लक्ष्यों को स्पष्ट करें, चाहे वे छोटे समयावधि के (जैसे एक महीने या एक साल के अंदर) हों या दीर्घकालिक (जैसे पांच साल या उससे अधिक)। लक्ष्य निर्धारित करते समय, उन्हें यथार्थवादी और मापने योग्य बनाएं।
मासिक खर्चों की सूची बनाएं:-
आवश्यक खर्चों (जैसे किराया, भोजन, उपयोगिता बिल) और ऐच्छिक खर्चों (जैसे मनोरंजन, यात्रा) को अलग-अलग सूचीबद्ध करें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप कहां कटौती कर सकते हैं।
बचत योजना बनाएं:
आपके द्वारा कमाए गए धन का एक हिस्सा बचत और निवेश के लिए निर्धारित करें। यह सुनिश्चित करें कि आप आपातकालीन परिस्थितियों के लिए एक आपातकालीन निधि रखें।
समयबद्ध बजट बनाएं:
आपके खर्चों और बचत को समय की एक निश्चित अवधि (जैसे मासिक या वार्षिक) के लिए योजनाबद्ध करें। सुनिश्चित करें कि आपका बजट आपके लक्ष्यों और समयसीमा के अनुसार है।
बजट की समीक्षा और समायोजन:
समय-समय पर अपने बजट की समीक्षा करें और वास्तविक खर्चों और बचत की तुलना अपने budget से करें। अगर जरूरत हो, तो अपने budget को समायोजित करें ताकि यह आपकी बदलती परिस्थितियों और लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठा सके।
आय बढ़ाने के तरीकों की तलाश करें:
अगर संभव हो तो अपनी आय के स्रोतों में वृद्धि करने की कोशिश करें, जैसे अतिरिक्त काम करना या नई निवेश योजनाओं में भाग लेना।इस प्रक्रिया से, आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को समय पर और व्यवस्थित तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।
बजट क्या दर्शाता है ?
बजट एक वित्तीय योजना है जो किसी व्यक्ति, परिवार, व्यवसाय या संस्था की आय और खर्चों का प्रबंधन करने के लिए बनाई जाती है। यह एक निश्चित समय अवधि के लिए आय और खर्चों का अनुमान और प्रबंधन करने का साधन है। यह निम्नलिखित को दर्शाता है:
- आय: यह आपकी कुल कमाई को दर्शाता है, जो वेतन, व्यवसाय से होने वाली आय, निवेश से प्राप्ति, या अन्य स्रोतों से हो सकती है।
- व्यय (खर्च): यह दर्शाता है कि आप अपनी आय का उपयोग कैसे करेंगे। खर्चों को आम तौर पर आवश्यक खर्च (जैसे, किराया, भोजन, उपयोगिता बिल) और ऐच्छिक खर्च (जैसे, मनोरंजन, छुट्टियाँ) में विभाजित किया जाता है।
- बचत और निवेश: यह दिखाता है कि आप कितनी राशि बचत के लिए अलग रख रहे हैं, और क्या आप इसे किसी विशेष लक्ष्य (जैसे, शिक्षा, आपातकालीन निधि, सेवानिवृत्ति) के लिए निवेश कर रहे हैं।
- वित्तीय लक्ष्य: बजट में दीर्घकालिक और अल्पकालिक वित्तीय लक्ष्यों को शामिल किया जाता है, जैसे कर्ज चुकाना, नई संपत्ति खरीदना, या किसी बड़े खर्च के लिए बचत करना।
- आर्थिक स्थिति की निगरानी: यह आपके वित्तीय स्वास्थ्य का निरीक्षण करने में मदद करता है। यह आपको दिखाता है कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों के कितने करीब हैं और क्या आपको अपने खर्चों या बचत में किसी प्रकार का समायोजन करना चाहिए।
कुल मिलाकर, यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो आपको वित्तीय अनुशासन बनाए रखने, खर्चों को नियंत्रित करने, और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में मदद करता है।
बजट में एम्प्लोयी और सैलरी कैसे है ?
बजट में कर्मचारियों और उनके वेतन से संबंधित विवरण शामिल करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर यदि आप व्यवसाय चला रहे हैं। इसे सही ढंग से शामिल करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है:
बजट में कर्मचारियों और वेतन (salary) को शामिल करना एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, खासकर यदि आप एक व्यवसाय चला रहे हैं। कर्मचारियों और वेतन से संबंधित बजट को समझने और बनाने के लिए निम्नलिखित तत्वों पर विचार किया जा सकता है:
वेतन (Salary):
- कर्मचारियों के मासिक वेतन को शामिल करें, जिसमें सभी कर्मचारियों के वेतनमान का विवरण हो। यह मुख्यतः कर्मचारी की स्थिति, अनुभव, और संगठन में उसकी भूमिका पर आधारित होता है।
- सुनिश्चित करें कि यह जानकारी अद्यतित है, विशेषकर अगर हाल ही में वेतन में वृद्धि या कोई नया कर्मचारी नियुक्त किया गया है।
फायदे और भत्ते (Benefits and Allowances):
- स्वास्थ्य बीमा, यात्रा भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), और अन्य भत्तों को बजट में शामिल करें।
- पेंशन योजनाओं, प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी, और अन्य दीर्घकालिक लाभों के लिए भी बजट बनाएं।
प्रशिक्षण और विकास (Training and Development):
- कर्मचारियों के कौशल और दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के खर्चों को बजट में शामिल करें।
- इसमें आंतरिक और बाहरी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की लागत शामिल हो सकती है।
बोनस और इंसेंटिव (Bonuses and Incentives):
- कंपनी की नीति के अनुसार, सालाना बोनस, प्रदर्शन-आधारित इंसेंटिव, और अन्य प्रकार के वित्तीय प्रोत्साहनों को बजट में शामिल करें।
- यह राशि अक्सर कंपनी के प्रदर्शन और लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता के आधार पर निर्धारित होती है।
अन्य खर्चे (Other Expenses):
- कर्मचारियों से संबंधित अन्य खर्च, जैसे कि यूनिफार्म, सुरक्षा उपकरण, कार्यालय सामग्री, आदि भी शामिल करें।
- कर्मचारियों की भर्तियों (recruitment) से जुड़ी लागतें भी बजट में शामिल हो सकती हैं, जैसे विज्ञापन, साक्षात्कार, और चयन प्रक्रिया की लागत।
कर्मचारियों और वेतन से संबंधित बजट को तैयार करते समय, इन सभी तत्वों का ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि यह कंपनी के वित्तीय लक्ष्यों और संसाधनों के अनुरूप हो। एक सटीक और विस्तृत बजट बनाने से आपको कर्मचारियों के खर्चों का प्रबंधन करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
वेतन (Salary):
कर्मचारियों की कुल वेतन लागत का अनुमान लगाएं। इसमें हर कर्मचारी का मासिक या वार्षिक वेतन शामिल होता है।
अन्य लाभ (Benefits):
वेतन के अलावा, अन्य लाभ जैसे स्वास्थ्य बीमा, यात्रा भत्ता, भोजन कूपन, या अन्य किसी प्रकार की सुविधा जो कर्मचारियों को प्रदान की जाती है, उसे भी इसमें में शामिल करें।
बोनस और इंसेंटिव्स (Bonuses and Incentives):
साल के अंत में या किसी विशेष लक्ष्य को पूरा करने पर दिए जाने वाले बोनस और अन्य इंसेंटिव्स का भी अनुमान लगाएं।
प्रशिक्षण और विकास (Training and Development):
कर्मचारियों के कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए खर्च किया जाने वाला बजट भी निर्धारित करें।